जून की तपती गरमी में पहली तारीख को राष्ट्रपति भवन की लाल कालीन से नरेंद्र मोदी के साथी, सहयोगी और सारथी अमित शाह ने सरकार पार्ट 2 में एक अहम जिम्मेदारी संभाली। शाह को गृह मंत्रालय का जिम्मा मिला तो बीजेपी के गृह यानी पार्टी की कमान कौन संभालेगा इसको लेकर तमाम अटकलें चलती रहीं। तमाम तैरते नामों के बीच जगत प्रकाश नड्डा को बीजेपी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया। साथ ही बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक में अगले कुछ महीने तक अमित शाह के बीजेपी अध्यक्ष बने रहने को लेकर भी निर्णय किया गया।
राजनीति में परिणाम सफलता और असफलता को परखने का पैमाना माना जाता है। वहीं राजनीति में सबसे बड़े सबक चुनावों में ही मिलते हैं। लोकसभा चुनाव में भाजपा को मिले प्रचंड जनादेश के पांच महीने बाद महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा के चुनाव परिणाम आए। दोनों ही राज्यों में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी बीजेपी गठबंधन व सहयोगियों के सहारे सरकार बनाने की दिशा में कदम भी बढ़ा रही है। लेकिन महाराष्ट्र में लगभग 20 सीटों का घटना और हरियाणा में त्रिशंकु नतीजों के बाद इस पर चर्चा करना तो लाजिमी है कि आखिर ऐसा क्या हो गया कि लोकसभा चुनाव के बाद अजेय माने जाने वाली बीजेपी की चुनावी मैनेजमेंट पर अपने भी सवाल उठाने लगे हैं। दोनों राज्यों में आशा अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाना वो भी ऐसे वक्त में कि 2-3 महीने में अन्य राज्यों (दिल्ली, झारखंड) के चुनाव होने हैं।